SAMASTIPUR : जिला के विभूतिपुर प्रखंड अंतर्गत कल्याणपुर उत्तर पंचायत स्थित मिल्की दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के सचिव आशा कुमारी को सचिव पद से मुक्त करते हुए 1 मार्च 2021से दुग्ध मापी पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है।इसके लेकर समिति के अध्यक्ष ने महाप्रबंधक कमफेड बिहार पटना को लिखित पत्र देकर जानकारी दी है।
बताया गया कि आशा कुमारी पति सच्चिदानंद राय दुग्ध समिति के 01-01-1987 से 05-02-2019 तक पूर्व सचिव थे।समिति के सभी अभिलेख न्यायालय मे एस डी जे एम रोसड़ा के पत्रांक 45 डी दिनांक 24-01-20 को न्यायालय में मांगा गया।न्यायालय के मांग पत्र को अध्यक्ष द्वारा 01-02-20 को सचिव आशा कुमारी को हस्त गत करा दिया गया।
किन्तु सचिव के द्वारा अभिलेख अध्यक्ष को नहीं सौंपा गया जिसके कारण अभिलेख न्यायालय प्रस्तुत नहीं किया जा सका। न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रोसड़ा से पुन: स्मारित पत्रांक 37 दिनांक 25-01-21 अध्यक्ष को किया गया।
जिसे 02-02-21 को सचिव को आदेश के साथ स्मार पत्र उपलब्ध कराते हुए न्ययालय के आदेश पर अभिलेख उपलब्ध कराने संबंधी दुग्ध समिति की कार्यवाही पंजी सदस्यों द्वारा पारित किया गया अभिलेख अध्यक्ष को सुपुर्द किया जाय तथा 15-02-21 को अगली बैठक रखी जाए।सचिव 15-02-21 को बैठक कार्य वही पंजी लेकर नहीं कराई जिसके कारण अध्यक्ष के द्वारा 22-02-21 को मौखिक बैठक बुलाई गई ।
लेकिन इस बैठक में सचिव उपस्थित नहीं हो पाई।वही 01-04-2018 से 31-03-2019 तक दुग्ध उत्पादको का यू टी आई कि राशि काटकर सचिव व सचिव के पति रख लिया।जिस संदर्भ में कार्यवाही पंजी में प्रश्न उठाया गया तथा भुगतान करने का आदेश दिया गया।
लेकिन अभी तक राशि का भुगतान नहीं किया गया। सारा राशि सचिव के द्वारा गवन कर लिया गया।ज्ञात हो कि समिति की बैठक में सचिव उपस्थित नहीं होती है अगर होती भी है तो बैठक कि कार्यवाही सचिव के पति लिखते है।अध्यक्ष द्वारा माना करने के वाबजूद भी रवैया नहीं बदला है।
वही सचिव के द्वारा मापी भी नहीं लिखी जाती हैं।बता दें कि समिति के सदस्यों का निर्वाचन 2016 में भी सच्चिदानंद राय अपनी सहमति व पक्ष के लोगों को सदस्य में चयनित कराए थे जिस कारण आदेश का पालन सही से नहीं हुआ।वही सचिव पति सच्चिदानंद राय बीआरएनकेएस कल्याणपुर में इतिहास विभाग के प्राध्यापक रहते हुए भी समिति के सचिव थे।
शिकायत होने पर सचिव पद से मुक्त होकर अपने पत्नी कि सचिव बना दिया।दोनों पति-पत्नी मिलकर समिति को खिलौना बना कर रखा।समिति के अध्यक्ष का कहना है कि समिति के सदस्य एवं पूर्व सचिव के अनियमितता के कारण न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल है।
सजा के भय से अभिलेख न्यायालय में प्रस्तुत नहीं करना चाहते हैं जबकि न्यायालय के द्वारा अध्यक्ष से अभिलेख की मांग की जा रही है तथा न्यायालय के द्वारा अवमानना कि चेतावनी दी गई।इसी को लेकर अध्यक्ष ने सचिव को पदमुक्त करते हुए बताया कि सभी अभिलेख के साथ साथ मुहर भी सचिव अपने घर रखी हुई है।
जबकि समिति का अपना मकान है।सचिव पति पत्नी दोनों न तो अध्यक्ष का सम्मान करता है न न्यायालय का।आगे उन्होंने आदेश जारी किया है कि जबतक सचिव पद पर नियुक्ति नहीं होती है तबतक दुग्ध मापी भी बंद करा दिया जाना अपेक्षित है।
वरिष्ठ संवाददाता संजय कुमार सिंह की रिपोर्ट