बावजूद बदमाशों की पहचान का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रिंकू के परिवार वालों ने अबतक कोई बयान नहीं दिया है। वैसे अबतक की पुलिसिया जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि हत्या के मूल में प्रॉपर्टी डीलर का कारोबार है।
डीएसपी के अनुसार रिंकू करीब 10-12 वर्ष पूर्व एक मामले में जेल भी जा चुका है, जिसकी फाइल खंगाली जा रही है। उधर, यह भी बात सामने आ रही है कि रिंकू का शहर के मोहनपुर के एक जमीन माफिया से दुश्मनी चल रही थी।
रिंकू चौधरी का शव उनके पैत्रिक गांव अख्तेयारपुर मंगलवार सुबह पहुंचा। शव के गांव पहुंचते ही पारिवारिक सदस्यों के बीच कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था।
ग्रामीण परिजनों को संभालने में लगे थे। उधर, बाद में ग्रामीण शव के अंतिम संस्कार के लिए सिमरिया गंगातट ले गए। दूसरी ओर सोमवार देर रात रिंकू की समस्तीपुर में हत्या की सूचना के साथ ही उनके घर पर लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। हालांकि रिंकू की हत्या किस कारण से हुई इस बारे में कोई कुछ नहीं बता रहे थे।
बताया गया है कि रिंकू लंबे समय से प्रॉपर्टी डीलर का काम कर रहा था। नगर पुलिस भी मोहनपुर की जमीन के विवाद को जांच के दायरे में रखा है।
नगर पुलिस के अनुसार पुलिस की टीम घटना के सभी बिन्दुओं पर जांच कर रही है। जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि रिंकू के काशीपुर स्थित मकान वाली जमीन पर भी लंबे समय से विवाद चल रहा है।
शहर के काशीपुर के पॉश इलाके में हुई इस हत्या के बाद शहर की पुलिसिंग पर सवाल उठने लगा है। आखिर इतना व्यस्त इलाके में बदमाश आकर हत्याकांड को अंजाम देकर आराम से चले गए।
जबकि घटना स्थल व नगर थाने के दूरी 500 मीटर से अधिक नहीं होगी। जिस समय हत्याकांड को अंजाम दिया गया है उस समय नगर थाने की गश्ती दल शहर में ही भ्रमण कर रही थी बावजूद बदमाश घटना को अंजाम देने के बाद निकल गए।
लोगों का कहना है कि कुछ दिन पूर्व ही सोनवर्षा चौक के पास मनमोहन झा नामक युवक को खदेड़ कर सरेआम देर शाम हत्या कर दी गई थी।