BIHAR-PURNIYA-गर्भनिरोधक दवाओं के उपयोग कर अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है. अनचाहे गर्भ से जहां माताओं को बच्चों के बेहतर देखभाल में मुश्किलें आती है, वहीं इससे माता एवं शिशु के स्वास्थ्य प्रभावित होने के ख़तरे भी बढ़ जाते हैं.
World health organisation के अनुसार developing country में 21 करोड़ से अधिक महिलाएं अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती हैं लेकिन तब भी उनके द्वारा किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग नहीं किया जाता है. गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग कर जनसंख्या स्थिरीकरण को बढ़ाया जा सकता है.
गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग को बढ़ाने की जरूरत -परिवार नियोजन के बेहतर परिणाम के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. जिसमें नवीन गर्भनिरोधक साधन जैसे अंतरा एवं छाया, माला-एन, इजी पिल्स, कॉपर-टी, कॉन्डोम इत्यादि शामिल है.
नवदंपति के लिए आशा द्वारा नयी पहेली किट भी दिया जाता है. लोगों के बीच सामुदायिक जागरूकता फैलाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों पर सास-बहू सम्मेलन जैसी नवीन गतिविधियां सरकार द्वारा चलाई जा रही है जिससे लोगों में जानकारी पहुंचे और वे इनका लाभ ले सकें.
कंडोम बॉक्स का उठाएं लाभ -जिले के सभी प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उपकेंद्रों में कंडोम बॉक्स लगाए गए हैं. वहां किसी भी व्यक्ति को आसानी से कंडोम मिल सकता है. बहुत से लोग शर्म के कारण इसकी मांग नही कर सकते.
गर्भनिरोधक के फ़ायदे :
• मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी
• प्रजनन संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं से बचाव
•अनचाहे गर्भ से मुक्ति
•एचआईवी-एड्स संक्रमण से बचाव
•किशोरावस्था गर्भधारण में कमी
•जनसंख्या स्थिरीकरण में सहायक
इसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा ऐसी व्यवस्था की गई है. बॉक्स में Hospital कर्मचारी द्वारा कंडोम भर कर रख दिया जाता है. कोई भी व्यक्ति कभी भी जाकर वहां से कंडोम ले सकता है. कंडोम का उपयोग करने से अनचाहे गर्भ से बचने के साथ-साथ यौन संक्रमण सम्बधी बीमारी जैसे एड्स वैगेरह से भी बचा जा सकता है.
वर्ष 2025 तक प्रजनन दर 2.1 करने का लक्ष्य-सैंपल रेजिस्ट्रेसन सर्वे-2016 के आंकड़ो के अनुसार बिहार की कुल प्रजनन दर 3.3 है. जिसका अर्थ है बिहार में प्रति महिला बच्चों की संख्या 3.3 है. वहीं देश की कुल प्रजनन दर 2.2 है. सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक बिहार के प्रजनन दर को 2.2 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.