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लगातार 2 करो या मरो वाले मुकाबले में शतक लगाना फिर भी टीम को प्लेऑफ में नहीं पहुंचा पाना...! इतना आसान नहीं है किंग कोहली हो जाना

DESK : लगातार 2 करो या मरो वाले मुकाबले में शतक लगाना फिर भी टीम को प्लेऑफ में नहीं पहुंचा पाना...! इतना आसान नहीं है किंग कोहली हो जाना। विराट कोहली लगातार 16वें साल RCB के लिए IPL नहीं जीत पाए। लगातार 16वें साल RCB की गेंदबाजी टीम की लुटिया डुबा गई। विराट कोहली हार के बाद बेहद निराश नजर आए। ऐसा लगा मानो उनके भीतर कुछ टूट गया हो। विराट खामोश थे, पर उनकी आंखें सब कह रही थीं। किसी ने भी किंग कोहली को इतना बेबस शायद ही कभी देखा था। गुजरात के खिलाफ विराट की शतकीय पारी की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि उनके बाद सबसे ज्यादा 28 रन फाफ डु प्लेसिस ने बनाए।

द बिग शो मैक्सवेल 11 रन बनाकर राशिद खान की गेंद पर बोल्ड हो गए। हर बार यही होता है। जब भी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए मामला बड़ा होता है, बीच मैदान सिर्फ और सिर्फ विराट कोहली अकेला खड़ा होता है। फाफ और मैक्सवेल के जाने के बाद डीके से उम्मीद थी। कमेंट्री बॉक्स से वापस आने के बाद पिछले साल उन्होंने RCB के लिए अच्छा प्रदर्शन किया था। पर इस साल मानो डीके ने रन ना बनाने की कसम खा ली थी। 14 पारियों में 10 की एवरेज से 140 रन। गुजरात के खिलाफ तो यश दयाल की पहली ही डाउन द लेग गेंद को विकेटकीपर के हाथों खेल कर डीके गोल्डन डक बनाकर लौट आए। मुश्किल वक्त में कलेजे की पहचान होती है। 

विषम परिस्थिति में भी विराट ने 61 गेंद पर 5 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 101* रन बनाए। किंग की 166 की स्ट्राइक रेट के साथ खेली गई पारी की बदौलत बेंगलुरु ने स्कोरबोर्ड पर 5 विकेट खोकर 197 रन लगाए। बदले में शुभमन गिल और विजय शंकर के सामने RCB के तमाम गेंदबाज बेबस नजार आए। दूसरे विकेट के लिए दोनों ने मिलकर गुजरात टाइटंस के लिए 65 गेंद पर 123 रन बनाए। 15वें ओवर की पांचवीं गेंद पर जब विजय शंकर के रूप में गुजरात को दूसरा झटका लगा, तब उसे जीत के लिए 31 गेंद पर 50 रन बनाने थे। RCB का गेंदबाजी आक्रमण इतना लचर था कि सबको मालूम था, टारगेट निश्चित तौर पर चेज हो जाएगा। फिर भी दिल के कोने में उम्मीद थी कि आज शायद बेंगलुरु के गेंदबाज कुछ अलग कर जाएंगे।

वेन पार्नेल 20वें ओवर की पहली गेंद पर शुभमन गिल के डाउन द ग्राउंड लगाए गए छक्के के साथ हर उम्मीद खत्म हो गई। गुजरात 6 विकेट से मुकाबला जीत गया। शुभमन गिल ने 200 की स्ट्राइक रेट से 104* रन बनाए, लेकिन आज उसकी पारी दुखी कर गई। गिल को बाकी सब मुकाबलों में शतक लगाना था, सिर्फ इस मैच में थम जाना था। पर शुभमन तो बल्लेबाज है, वह भी प्रिंस ऑफ इंडियन क्रिकेट। गिल ने अपनी टीम के लिए काम कर दिया, पर किंग के करोड़ों चाहने वालों को आंसुओं से भर दिया। इस हार के बावजूद हम विराट के लिए उसी जोश के साथ खड़े हैं। लगातार दो टी-20 शतक ठोक कर किंग ने भारतीय चयनकर्ताओं के मुंह पर करारा तमाचा जड़ा है, जो उसे टी-20 के लायक नहीं बता रहे थे। RCB हार गई, विराट का हौसला नहीं टूटा। अकेला संघर्ष करने वाला किंग कभी हार नहीं सकता। वह आएगा और दुनिया के हर मैदान पर इसी तरह शतक लगाएगा।

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