बिहार की पहली मुस्लिम महिला DSP बनी रजिया सुल्तान, माता पिता का नाम किया रौशन
रजिया के इस कामयाबी पर उनकी मां गुलाबन निशा काफी ज्यादा खुश हैं. उन्होंने कहा कि बेटी को जो कामयाबी मिली है ,उसकी खुशी एक मां ही समझ सकती है. रजिया की मां ने बताया कि उन्हें जिंदगी में पहली सबसे बड़ी खुशी मिली है. रजिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि रजिया बचपन से ही हरफनमौला थी. वो खेलकूद, पढ़ाई लिखाई में सबसे आगे रहती थी. उन्होंने आगे कहा कि रजिया को बचपन से ही पढ़ाई लिखाई का शौक रहा. वह पहली क्लास से ही टॉपर रही है और उसकी लगभग पूरी पढ़ाई स्कॉलरशिप से हुई है. गुलाबन निशा ने बताया कि बेटी के डीएसपी बनने के बाद मुबारकबाद देने वालों का तांता लगा हुआ है.
रजिया के बड़ी बहन शाहीन नाज ने बताया कि रजिया को बचपन से ही पढ़ने का काफी शौक था. जब रजिया की उम्र 3 साल की थी तभी से वह अपने पापा से जिद करती थी कि स्कूल जाना है और अच्छे स्कूल में पढ़ना है. उन्होंने आगे कहा कि वह जिद करती थी की हम छत वाले स्कूल में ही पढ़ेंगे. जिसके बाद उसका एडमिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में कराया गया था. शाहीन बताती है कि रजिया शुरू से खुद ही से पढ़ाई करती थी.उसको जो भी किताब मिल जाती उसे पढ़ने बैठ जाती थी. रजिया के मॉर्क्स देखकर स्कूल प्रबंधन ने उसकी फीस भी माफ की थी. रजिया की 12वीं तक की पढ़ाई स्कॉलरशिप से ही की है.बोकारो से इंटरमीटिएट तक की पढ़ाई के बाद रजिया सुल्तान ने राजस्थान के जोधपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली. 2017 में रजिया का चयन बिहार सरकार के बिजली विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर के रूप में हुआ. तभी से वह BPSC परीक्षा की तैयारी कर रही थीं.
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