2023/02/22

बिहार के लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़: मैट्रिक परीक्षा में बिहार बोर्ड सवाल ही गलत पूछ रहा है, बच्चे जवाब कैसे दें

DESK : बिहार में मैट्रिक की परीक्षा चल रही है जिसमें 16 लाख से ज्यादा छात्र-छात्रायें शामिल हो रही हैं. बिहार बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा ले रहा है. लेकिन अब ऐसे मामले सामने आने लगे हैं जिससे बिहार बोर्ड पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. मैट्रिक परीक्षा में परीक्षार्थियों से सवाल ही गलत पूछे जा रहे हैं. ऐसे में परीक्षार्थी जवाब क्या देंगे. माध्‍यमिक स्‍कूल परीक्षा 2023 के हिंदी विषय की परीक्षा में पूछे गए सवाल से हिंदी के जानकार की बात तो छोड़ दीजिए, यहां तक कि गूगल भी चकरा रहा है। दो प्रश्न महज दो अंक के हों, लेकिन दमदार हैं।ऐसे में हिंदी के एक जानकार कामदेव सिंह ने बोर्ड की चूक को रेखांकित किया है। उन्होंने प्रश्न पत्र के साथ अंडरलाइन कर हिंदी किताबों का सबूत भी पेश किया है। 

सोमवार को हुआ था हि‍ंदी का पेपर

उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी प्रथम पाली की परीक्षा में 32 और 37 नंबर प्रश्न का जवाब परीक्षार्थी ने कुछ भी दिया हो, उसे कोई अंक शायद नहीं मिलने वाला है।दरअसल, सोमवार को हिंदी की परीक्षा ली गई। पहली पाली में ई ग्रुप के प्रश्न पत्र में एक प्राइवेट शिक्षक ने दो त्रुटियां पकड़ी हैं। पहली त्रुटि प्रश्न संख्या 32 के वैकल्पिक उत्तर में है। यहां प्रश्न है इन मुसलमान हरिजनन पै, कोटिन हिंदु वारिये, किस कवि का कथन है।

विकल्‍प में ही शामि‍ल नहीं किया गया सही उत्‍तर

वैकल्पिक उत्तर में जिन कवियों के नाम दिए गए हैं, उनमें भारतेंदु हरिश्चंद्र का नाम शामिल ही नहीं है, जबकि यह कथन महान कवि भारतेंदु हरिश्चंद्र ने पठान वंश के कवि रसखान की रचना से मुग्ध होकर कहा था।रसखान ने कृष्ण की लीला रची थी, जिसमें उल्लास, मादकता और उत्कटता का संयोग होता है। यहां वैकल्पिक उत्तर में गुरु नानक, प्रेमधन, रसखान एवं घनानंद का नाम दिया गया है।

यहां भी पकड़ में आई गलती

इसी प्रकार प्रश्न संख्या 37 भी त्रुटिपूर्ण है। यहां प्रश्न है कि मीर मुंशी ने किस कवि का वध किया था। वैकल्पिक उत्तर में रामधारी सिंह दिनकर, गुरु नानक, अज्ञेय तथा घनानंद का नाम अंकित है।वहीं, हिंदी की किताबें बताती हैं कि कवि घनानंद ही तत्कालीन मुगल बादशाह मोहम्मद शाह रंगीला के दरबार में मीर मुंशी का कार्य करते थे। ये ईस्वी सन् 1739 में नादिर शाह के सैनिकों के हाथों मारे गए थे। ऐसे में यह प्रश्न गलत हो जाता है कि मीर मुंशी ने किसी कवि का वध किया था।

Source - dainik jagran