2021/07/04

समस्तीपुर : पीएचसी मोहिउद्दीनगर में एएनएम से करता था अश्लील हरकत, दोषी लिपिक निलंबित

SAMASTIPUR : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोहिउद्दीनगर में एएनएम से अश्लील हरकत करते हुए छेड़खानी मामले में दोषी लिपिक प्रभाष कुमार को सिविल सर्जन ने निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में लिपिक का मुख्यालय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हसनपुर निर्धारित किया गया है। 

निलंबित लिपिक को बिहार सेवा संहिता 96 (1) के आलोक में निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान निर्धारित मुख्यालय से प्राप्त अनुपस्थिति विवरणी के आधार पर मूल पदस्थापन स्थान से किया जाएगा। इस अवधि में लिपिक पर विभागीय कार्यवाई के संचालन हेतु अलग से संचालन पदाधिकारी एवं उपस्थापन पदाधिकारी निर्धारित किया जाएगा।

एएनएम ने सिविल सर्जन से पूरे मामले की लिखित शिकायत 24 जून को की थी। इसके बाद सिविल सर्जन ने भी मामले को गंभीरता से लेते जांच टीम गठित की थी। शिकायत में बतायी थी कि लिपिक ने उसके साथ छेड़खानी की थी। साथ ही अश्लील हड़कत करते हुए जबरदस्ती पकड़ने का भी आरोप लगाया था। इस घटना के बाद से ही पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया था।

जानकारी के अनुसार उक्त नर्स ने शिकायत में बताया है कि विगत 16 जून को स्थानांतरण को लेकर डाटा ऑपरेटर ने आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर करवाने के लिए बुलाया था। वह सुबह ही अस्पताल पहुंच गई। जबकि ऑपरेटर विलंब से पहुंचा। उसने नर्स से अस्पताल की गाड़ी से सामुदायिक भवन में लगे कोविड टीकाकरण कैंप में जाने को कहा। उक्त केंद्र पर टीकाकरण में ड्यूटी लगाई गई थी। इसके बाद वैक्सीनेशन कार्य समाप्त होने के बाद वापस संध्या छह बजे पीएचसी पहुंची।

कक्ष में बुलाकर जबरदस्ती पकड़ने की कोशिश

नर्स के पीएचसी पहुंचने के बाद डाटा ऑपरेटर ने उसे अपने कक्ष में बुलाया। उसने नर्स से छह हजार रुपये लिए और बोला कि इसमें पांच हजार रुपये लिपिक लेंगे। इसके बाद लिपिक से कार्यालय कक्ष में जाकर मिलने को कहा। जहां पर जाने के बाद उसने देखा कि लिपिक अकेले कक्ष में बैठे थे। नर्स ने शिकायत में बताया कि उसे देखते ही लिपिक ने लैपटॉप पर सैलरी विवरण दिखाने लगे। 

देखने के क्रम में झुकने पर वह अश्लील हड़कत करते हुए जबरदस्ती पकड़ने लगे। नर्स ने लिपिक को धक्का देकर तेजी से भागते हुए बाहर निकल गई। इसके बाद अस्पताल की गाड़ी में जाकर बैठ गई। तेज बारिश होने की वजह से इसी वाहन से वह अपने घर पहुंची।

पीड़िता ने घर पहुंचने के बाद अपने पति को पूरी घटना से अवगत कराया। उनके पति कटिहार में रेलवे में कार्यरत है। अवकाश लेकर आने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। साथ ही पूरे मामले की जानकारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को भी दी। लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर न्याय को लेकर सिविल सर्जन से पूरे मामले की शिकायत की।

सीएस ने किया तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन

सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम गठित की है। साथ ही रिपोर्ट सौंपने को कहा है ताकि कार्रवाई की जा सके। सीएस ने जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में टीम गठित की है। इसमें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार, सिविल सर्जन कार्यालय की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधा वर्मा को शामिल किया गया। 

जांच टीम ने शनिवार को रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में जांच पदाधिकारी द्वारा मंतव्य दिया गया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोहिउद्दीनगर के लिपिक प्रभाष कुमार पर लगाया गया आरोप प्रथम दृश्टया सत्य प्रतीत होता है एवं लिपिक के विरुद्ध अग्रतर कार्रवाई की अनुशंसा की गई।

Source - dainik Jagran