ये भी खोल सकते हैं ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल
निजी क्षेत्र का कोई भी संस्थान या व्यक्ति मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोल सकता है। सुरक्षित यातायात को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीक आधारित वाहन चालन प्रशिक्षण की सुविधा उन क्षेत्रों में भी उपलब्ध करायी जाएगी, जहां वर्तमान में पर्याप्त प्रशिक्षण केंद्र नहीं हैं।
तीन श्रेणी में बांटे गए जिले
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए जिलों को तीन श्रेणी में बांटा गया है। बड़े जिले को ए श्रेणी में रखा गया है। यहां तीन ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे। मध्यम जिले को बी श्रेणी में रखा गया है, जिसमें दो और सी श्रेणी के जिले में एक मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोला जाएगा।
इन जिलों में 3-3 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे
पटना, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया, भागलपुर।
इन जिलों में 2-2 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे
वैशाली, सीवान, समस्तीपुर, रोहतास, मोतिहारी, दरभंगा, बेतिया, भोजपुर, औरंगाबाद, बेगुसराय, गोपालगंज, मधुबनी, नालंदा।
इन जिलों में एक-एक मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे
अररिया, अरवल, बांका, बक्सर, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नवादा, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, गोपालगंज।
परिवहन सचिव ने बताया कि प्रशिक्षण के अभाव में वाहन चलाने के दौरान वाहन चालक अक्सर गलतियां करते हैं और दुर्घटना के शिकार होते हैं। सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से वाहन चालकों को पूर्व से ही प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। इससे सड़क दुर्घटना में कमी आ सकेगी।