ब्रिज की लाइफ और इसकी वर्तमान स्थिति की जांच करने के लिए रेलवे ने कोलकाता की एक कंपनी को लगाया है. जो आधुनिक उपकरण लगाकर इंजन को अलग-अलग रफ्तार से चलाकर ब्रिज के स्पाइनल से लेकर हर एक बिंदुओं की जांच कर रहा है. इसकी निगरानी गृह मंत्रालय और रेलवे की चीफ इंजीनियर पटना की टीम ब्रिज पर जाकर कर रही है.
बता दें कि बूढ़ी गंडक नदी पर डाउन लाइन का रेलवे ब्रिज अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है. समस्तीपुर दरभंगा रेलवे सेक्शन पर किसनपुर स्टेशन तक ट्रैक की डबलिंग होने के बाद इस पुराने ब्रिज से आवागमन के लिए सेफ्टी विभाग ने एक साल पहले जांच के बाद हरी झंडी दी थी. लेकिन 1 साल बीत जाने के बावजूद नए ब्रिज का निर्माण धीमी गति से होने के कारण पूरा नहीं हो पाया. इस बीच दो बार बूढ़ी गंडक नदी में बाढ़ का पानी काफी तेज धार के साथ आ गया है.
नदी स्थित श्मशान घाट और कब्रिस्तान भी बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. जिसकी वजह से शवों के अंतिम संस्कार में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि शहर स्थित बूढ़ी गंडक नदी के दोबारा जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है. जो खतरे के निशान को पार कर गई है. इस कारण नदी में बाढ़ जैसे हालात नजर आ रहे हैं. बूढ़ी गंडक नदी के मगरदही घाट और रेलवे पुल स्थित लोग बेघर हो गए हैं.