सिविल सर्जन यदुवंश शर्मा से जब इस पूरे मामले को जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ कर दिया कि वह कोरोना मरीज नहीं है.
शिबली नाम के हैंडल से कहा गया कि वह महिला अकेली थी. मैंने अस्पताल वालों से कहा कि अगर कोई उसकी मदद नहीं करेगा तो वह मर जाएगी. तो उन्होंने कहा कि हम क्या कर सकते हैं. इस हैंडल से बिहार सरकार से मदद की गुहार लगाई गई.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिले का अस्पताल लगातार तीन बड़े मामलों से एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होने के बाद यूजर्स की ओर से दावा किया गया कि महिला को अस्पताल प्रशासन ने भर्ती कराया और उसका इलाज शुरू किया. कहा जा रहा है कि उसका कोरोना टेस्ट भी कराया जाएगा.
ट्विटर पर एक यूजर्स ने रविवार को पोस्ट कर दावा किया कि कुछ घंटे पहले, मेरे घर के आसपास रहने वाले एक फल विक्रेता के बच्चे को सांप ने काट लिया था. यहां भारी बारिश हो रही थी, इसलिए उसे सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए कोई सुविधा नहीं मिली. मैंने उसे अपनी बाइक पर लिया, और वहां मैंने एक भयानक दृश्य देखा.