बिहार-“जीविका ने ठाना है, भुखमरी को मिटाना है”एक मुठ्ठी अनाज”
''जीविका ने ठाना है, भुखमरी को मिटाना है”
BIHAR-SITAMADHI-कोविड – 19 के इस वैश्विक महामारी से अमीर हो गरीब लगभग सभी तबके क लोग प्रभावित हुए हैं, खासकर अत्यंत गरीब एवं हांसिये पर लटके परिवार को भूखमरी की समस्या अत्यंत गम्भीर हो गई है | इसका मुख्य वजह है दैनिक मजदूरी का अकाल हो जाना या नहीं मिलना | साथ ही खाने को मोहताज़ परिवार रोज़गार भी नहीं कर सकते क्यों की उन्हें कौशल के साथ धन की भी कमी है | इसी क्रम में सीतामढ़ी जिले के मेजोरगंज प्रखण्ड के पचहरवा गाँव में उपरोक्त स्थिति से सम्बन्धित 4 दीदियाँ के बारे में जानकारी प्राप्त हुआ . अतः इनके गुजारा एवं बचाव हेतु वहाँ के जीविका समूह की दीदियों ने तत्काल "एक मुट्ठी अनाज" कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अपने 'पर्वत जीविका महिला ग्राम संगठन' पचहरवा, मेजोरगंज की कुछ दीदीयों के मदद से उन 4 दीदियों के सहयोगार्थ चावल, दाल, आलू, प्याज, नमक इत्यादि का अंशदान किया .
इसके तहत उन 4 अत्यंत ज़रूरतमंद दीदी को लगभग 7-8 किलो खाद्यान दिया गया | साथ ही प्रबंधक मानव संसाधन(जीविका) श्री जितेंद्र कुमार एवं प्रबंधक स्वास्थ्य एवं पोषण(जीविका) श्री छट्ठु दास के द्वारा 100-100 रूपए, प्रखण्ड परियोजना प्रबंधक(जीविका) श्रीमती पूजा कुमारी द्वारा 150 रूपए और सामुदायिक
समन्वयक(जीविका) श्रीमती पल्लवी कुमारी के द्वारा 50 रूपए इन 4 दीदीयों को सहयोग के रूप में अलग से यह राशि भी दिया गया .
अंत में यह भी निर्णय हुआ की इस तरह के और अधिक परिवारों को ढूंढा जाय और “एक मुठ्ठी अनाज” कार्यक्रम को मेजोरगंज प्रखण्ड के साथ-साथ सीतामढ़ी जिले के शेष 16 प्रखण्ड में वृहत पैमाने पर चलाया जाय ताकी ऐसे अत्यंत गरीब एवं असहाय परिवारों कुछ तत्काल कुछ राहत मिल सके |
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