2023/07/01

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस.

DESK :  चिकित्सक दिवस की परिकल्पना एक आभार है देश की सरकारों का, नागरिकों का - करुणा की मिठास से भरे इस पेशे के प्रति। भिन्न - भिन्न महामारियों में  चिकित्सकों ने साबित कर दिखाया है कि वे भी राज्य के वास्तविक रक्षक हैं सेना और पुलिस की तरह। यदि चिकित्सक न होते, तो राज्य के सर्वप्रमुख तत्त्व जनसंख्या को जनमाल की भारी क्षति उठानी पड़ती।फर्क बस इतना सा है कि सेना -पुलिस बाहर के दुश्मनों से लड़ती है, जबकि चिकित्सक आंतरिक दुश्मनों से।और, यह भी सच है कि बाहर के दुश्मनों से लड़ना आसान है, क्योंकि वे दिखाई देते हैं। लेकिन,भीतर के दुश्मन अदेख हैं, इसलिए उनका मुकाबला कठिन है। विभिन्न विषाणुओं से उत्पन्न महामारियों में सभी लाचार थे -सेना, पुलिस, न्यायालय आदि। यदि मैदान में कोई मुकाबिल था, तो चिकित्सक।

 राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का आरंभ डॉ विधानचंद्र राय की जन्मतिथि पर अर्थात् 01 जुलाई को हुआ है।वे एक कुशल चिकित्सक होने के साथ श्रद्धाशील समाजसेवी भी थे।भारत भूमि चिकित्सा विज्ञान की जननी रही है। महात्मा चरक और सुश्रुत इसके अप्रतिम उदाहरण हैं। महामना सुश्रुत को दुनिया का आदि शल्य चिकित्सक माना जाता है। संसाधनों की किल्लत में भी प्राकृतिक व वानस्पतिक औजारों से उन्होंने महत्वपूर्ण अंगों की सूक्ष्मता से सफल शल्य क्रिया के विलक्षण उदाहरण प्रस्तुत किया है।इस दिवस की गरिमा और न्यायसंगत होती, यदि चिकित्सा शास्त्र के प्रणायक उन विभूतियों के नाम एक अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा दिवस घोषित कर करुणा सिंचित विचारगंगा की धाराएं बहाकर पीड़ित जीवमंडल की जीजिविषा का मार्ग आलोकित किया जाता।
          ....डॉ के के सिंह।