2021/07/04

समस्तीपुर में ईंधन की कीमत बढ़ने से बढ़ा वाहनों का किराया, यात्री हलकान- देखें किराया का पूरी लिस्ट

SAMASTIPUR : समस्तीपुर कोरोना काल में आर्थिक मार से त्रस्त आम लोगों को अभी राहत भी नहीं मिली की बढ़ती महंगाई से आम और खास सभी परेशान हैं। हर दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही है। रसोई गैस के मूल्य में भी वृद्धि हुई है। पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि से जहां ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने भी माल ढुलाई और यात्री वाहनों का किराया बढ़ा दिया है, वहीं दूसरी ओर आम लोगों का बजट भी अब बिगड़ने लगा है। थोक बाजारों में सामान की कीमत बढ़ गए हैं। 

माल भाड़े में वृद्धि का असर खुदरा बाजार पर भी पड़ रहा है। शनिवार को जिला मुख्यालय में पेट्रोल की कीमत 101.54 रुपये थी। वहीं डीजल के दाम भी शतक छूने को हैं। डीजल-पेट्रोल के दाम में अप्रत्याशित वृद्धि का असर अब यात्री वाहनों पर भी देखने को मिल रहा है। बीते तीन माह के अंतराल में यात्री वाहनों का किराया 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। वहीं मालवाहक वाहनों के ट्रांसपोर्ट खर्च अधिक होने के कारण उपभोक्ताओं को वस्तुओं के लिए अधिक कीमत देनी पड़ रही है। 

वैसे जिला मोटर व्यवसायी संघ ने विभिन्न जगहों में आवाजाही के लिए फरवरी 21 में ही कीमत तय की थी लेकिन उस अनुरूप किराया नहीं लिया जा रहा है। संघ के अध्यक्ष संजय सिंह बताते हैं कि संघ ने पटना जाने के लिए एसी बस का किराया 140 रुपया निर्धारित किया है। जबकि आज धड़ल्ले से 200 रुपये प्रति यात्री तक की वसूली हो रही है। यही हाल विभिन्न जगहों का है। वाहन मालिक अपनी मर्जी से किराया की वसूली कर रहे हैं। जबकि 1 मार्च 2021 से ही उस दर को प्रभावी किया गया था। हालांकि उसके बाद संघ ने किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की है।

क्या कहते हैं लोग

पेट्रोल-डीजल की कीमत रोज बढ़ रही है। हमारा व्यवसायिक वाहन घर पर खड़ा है। भाड़ा नहीं मिल रहा है। सरकार को ईंधन के दाम में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि को वापस लेना चाहिए। रविरंजन तिवारी

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बीते कुछ माह से जब भी हम बाइक में पेट्रोल भराने गए ऐसा किसी दिन नहीं पाया कि पेट्रोल की कीमत बढ़ी नहीं हुई हो। दो माह पूर्व 95 रुपये प्रतिलीटर के करीब थी। अब 100 रुपये प्रतिलीटर के पार हो गई। कीमत बढ़ने से बाइक का उपयोग जरूरी काम में ही करते हैं। कोशिश करते हैं कि पैदल ही बाजार का काम हो जाए। कीमत वृद्धि पर सरकार को गंभीरता से सोचने की जरूरत है।

सोनू कुमार

निजी कंपनी में मार्केटिग का कार्य करता हूं। इसके कारण आए दिन सफर रहता है। यात्री वाहनों का किराना बढ़ने से काफी परेशानी हो रही है। महीने का बजट कम पड़ रहा है।

सोनल कुमार