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लालू की बेटी रोहिणी के जवाब में मोर्चा लेने उतरीं मांझी की बहू, पहली राजनीतिक टिप्पणी से मचा दी खलबली

PATNA : ट्विटर की लड़ाई में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की पुत्री डॉ. रोहिणी आचार्या क्या शामिल हुईं, उनके पक्ष और विपक्ष में कई मोर्चे खुल गए। आचार्या और पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बीच दो दिनों तक खूब वार पलटवार चला। शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा संतोष मांझी भी इस लड़ाई में शरीक हो गईं। 

यह दीपा की संभवत: पहली राजनीतिक टिप्पणी है, जो उन्होंने अपने ससुर के बचाव में की है। जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष मांझी नीतीश कैबिनेट में लघु जल संसाधन मंत्री हैं। दीपा उनकी पत्नी हैं। ट्विटर लड़ाई के नए मोर्चे पर लालू प्रसाद और जीतन राम मांझी की दूसरी पीढ़ी आमने-सामने है।

 रोहिणी ने एक ट्वीट के जरिए जीतन राम मांझी पर परिवारवाद का आरोप लगाया था। आरोप यह कि मांझी गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं। समधिन और दामाद को राजनीति में ले आए हैं। उनके पुत्र होटल में रंगरेलियां मनाते पकड़े गए थे। यह भी कि मांझी के पुत्र किसी लायक नहीं हैं। उन्होंने मांझी पर कुर्सी के लिए जमीर बेचने का भी आरोप लगाया। 

अपने ससुर की तुलना गिरगिट से किए जाने पर नाराज दीपा ने रोहिणी और लालू प्रसाद के परिवार के लिए बेहद तल्ख टिप्पणी की। ट्वीट में लिखा-भाई पिटाए गली-गली, बहन बने बजरंगबली। भाभी को घर में पिटवाती हो, हे भ्रष्टाचार की रोहिणी, तुम इतना ज्ञान कहां से लाती हो?

कई समर्थकों ने किया रीट्वीट

रोहिणी और दीपा तो एक दूसरे पर ट्वीट कर और जवाब देकर घर बैठ गईं। इधर, दोनों के समर्थकों ने मोर्चा संभाल लिया। रोहिणी के ट्वीट में बताया गया था कि राजद के लोग सेवा कर रहे हैं। जवाब में कुमार नीरज ने लिखा-राजद परिवार ने तो बिहार की जनता की ऐसी सेवा की थी कि बिहारियों को राज्य छोड़ना पड़ा था। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा युवा शाखा के अध्यक्ष अमित कुमार ने चारा घोटाला का जिक्र करते हुए राजद की आलोचना की। 

असल में दीपा को जीतन राम मांझी ने रणनीति के तहत ही ट्विटर वार में उतारा है। मांझी बड़े नेता हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हैं। लालू प्रसाद की पुत्री के किसी सवाल का जवाब देना उनके व्यक्तित्व के अनुकूल नहीं है। सो, लालू की पुत्री को जवाब देने के लिए उन्होंने अपनी पुत्रवधू को मैदान में उतार दिया है। खबर यह है कि भाजपा और जदयू में भी रोहिणी की बराबरी के नेताओं को ही उनके ट्विटर के जवाबी मोर्चे पर जल्द उतारा जाएगा। 

रोहिणी कभी राजनीतिक रूप से अधिक सक्रिय नहीं रहीं। कभी-कभी परिवार की सलामती के लिए ट्वीट करती रही हैं। पिछले दिनों उन्होंने ट्वीट के जरिए आम लोगों को जानकारी दी कि वह अपने पिता लालू प्रसाद की रिहाई के लिए रोजा रख रही हैं। चैत्र नवरात्र में उपवास भी रख रही हैं। संयोग ऐसा कि लालू प्रसाद को जमानत मिल गई। तब से रोहिणी कुछ अधिक ही सक्रिय हो गई हैं। 



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