PATNA :नीतीश सरकार ने राज्य के आईएएस और आईपीएस अफसरों को सख्त चेतावनी दी है. बिहार सरकार ने अफसरों को सांसदों और विधायकों के साथ ठीक से पेश आने की हिदायत दी है. इस संदर्भ में राज्य सरकार ने डीजीपी के साथ सभी विभागों के प्रमुखों, जिलों के डीएम और एसएसपी-एसपी को पत्र जारी किया है.
बिहार विधानसभा की पहल का असर तुरंत दिखा है। यहां आइएएस, आइपीएस से लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के साथ अच्छे से पेश आने की हिदायत दी गई है। सम्मान में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। अधिकारी विनम्रता पूर्वक पेश आएं।
सरकारी कार्यालयों में आयोजित किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसदों-विधायकों को अनिवार्य रूप से आमंत्रित करें। प्रोटोकॉल के तहत बैठने की व्यवस्था करें। जनप्रतिनिधि अगर फोन करें या संदेश भेजें तो अधिकारी यथासंभव उनसे अविलंब संवाद करें।
बजट सत्र के दौरान विधानसभा में स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने सांसदों एवं विधायकों के साथ सदव्यवहार के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है। संसदीय कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने राज्य के डीजीपी के साथ ही सभी विभागों के प्रमुखों, जिलों के डीएम एवं एसएसपी-एसपी को पत्र जारी किया है।
इसमें कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों के सरकारी कार्यालयों में आने-जाने के दौरान अधिकारियों को उनके सम्मान में खड़ा होना चाहिए। उनकी समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। प्रगति बतानी चाहिए।
बजट सत्र की तैयारियों के लिए 17 फरवरी को बुलाई गई बैठक में स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों का व्यवहार ऐसा हो कि विधायिका की छवि धूमिल नहीं हो। उन्हें जनहित एवं विधायी कार्यों के निष्पादन के लिए अधिकारियों से मिलना-जुलना होता है।
फोन पर बात करनी पड़ती है। किंतु कुछ अधिकारियों का व्यवहार अशिष्ट होता है। इससे विकास के कार्य बाधित होते हैं। ऐसे अधिकारियों को स्पीकर ने विशेषाधिकार के दायरे में भी लाने की बात कही थी। स्पीकर के निर्देश के बाद डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने भी अधिकारियों को सम्मान के साथ पेश आने की नसीहत दी थी।