गौरतलब है कि जुलाई 2019 में शिक्षा विभाग ने करीब सवा लाख शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया आरंभ की थी। छठे चरण के शिक्षक नियोजन के तहत प्रारंभिक विद्यालयों में रिक्त पड़े करीब 94 हजार, जबकि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के 30 हजार 20 पदों पर नियोजन आरंभ हुआ था।
तय कार्यक्रम के तहत कई बार विभाग ने नियोजन इकाइयों को नियुक्ति पत्र वितरित करने का शिड्यूल जारी किया, लेकिन अभ्यर्थियों के विभिन्न आपत्तियों को लेकर कोर्ट जाने और इन मामलों में कोर्ट के निर्देश की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया लंबी खिंचती चली गयी।
अब जाकर प्रारंभिक शिक्षकों में से प्राथिमक शिक्षकों के नियोजन की राह का रोड़ा दूर हो चुका है। कोर्ट के आदेश के अनुरूप पहली से पांचवीं कक्षा के करीब 35 हजार शिक्षकों की नियुक्ति डीईएलएड और बीएड योग्यताधारियों की संयुक्त मेधा सूची के आधार पर होगी। यह सूची 28 नवम्बर तक बन जानी थी। विभाग ने इसको लेकर आदेश दिया था।
कोर्ट के आदेशानुसार पहली से पांचवीं कक्षा तक के शिक्षकों की बहाली के लिए डीईएलएड और बीएड योग्यता रखने वाले अभ्यिर्थयों की संयुक्त मेधा सूची सभी जिलों के एनआईसी की वेबसाइट पर शनिवार तक अपलोपड करनी थी।
वहीं, प्राथिमक शिक्षा निदेशक ने कक्षा छह से आठ (मध्य) तक के शिक्षक अभ्यिर्थयों की अंतिम मेधा सूची भी जिलों के एनआईसी की वेबसाइट पर 28 नवम्बर तक ही अपलोड करने का आदेश दिया था। हालांकि मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का पेच अभी समाप्त नहीं हुआ है।
कारण कि शिक्षक अभ्यर्थियों ने न्यायालय से गुहार लगायी थी कि 2019 में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यिर्थियों को भी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जाय। अभी इस मामले पर कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही कक्षा छह से तक आठ के शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। दिसम्बर में इसपर सुनवाई होनी है।