इस आदेश के जारी होने के 24 घंटे के अंदर ही पटना में सड़क पर बैंड बाजा के साथ बारात निकालने का दृश्य भी दिखा और 48 घंटे के अंदर बैंड पार्टी वाले खुद सड़क पर उतर आये। नतीजतन रविवार की दोपहर बाद ही गृह विभाग ने एक और आदेश निकाल न सिर्फ सड़क पर बैंड-बाजे की अनुमति दी बल्कि वैवाहिक कार्यक्रमों में शामिल होने वाले अतिथियों की संख्या भी स्टाफ सहित 150 तक कर दिया।

पटना में बैंड वालों ने किया था प्रदर्शन
बिहार सरकार की गाइडलाइन से बैंड वालों को सबसे बड़ा झटका लगा था। शनिवार को पटना के सुलतानगंज इलाके में बैंड वालों ने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि पिछले 9 महीने से बैंड बाजा और लाइट वालों का धंधा पूरी तरह से चौपट हो चुका है। रोजगार का कोई दूसरा साधन नहीं है। सरकार ने किसी प्रकार की कोई मदद नहीं की। अब 25 नवंबर से लेकर 12 दिसंबर तक शादी के लिए शुभ मुहूर्त का समय है। ऐसे में सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार कर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैंड बाजा बजाने की अनुमति देनी चाहिए।
पुराने आदेश में क्या-क्या था
बिहार में संपन्न हुए चुनाव के दौरान प्रचार से लेकर मतगणना तक में भारी भीड़ पर शांत रही सरकार कोरोना को लेकर एक्टिव मोड में आ गयी है। इसी क्रम में वाहन चालकों के लिए मास्क और सामाजिक दूरी को अनिवार्य करने के बाद गुरुवार को नए निर्देश भी जारी किये गए थे।
- शादी समारोह में कैटरिंग स्टाफ समेत 100 लोग ही होंगे शामिल।
- किसी भी आयोजन में हरेक चेहरे पर मास्क की अनिवार्यता रहेगी।
- समारोह स्थल पर सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए सैनिटाइजर रखना होगा।
- सड़क पर बैंड बाजा डीजे के साथ डांस नहीं कर सकते, सिर्फ विवाह स्थल पर बजेगा बैंड
- श्राद्ध कर्म में अधिकतम 25 लोग होंगे शामिल।
- कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान को लेकर जिला प्रशासन, नागरिक संगठन, वार्ड पार्षद के साथ समन्वय बनाकर करना होगा जागरूक।
- भीड़ के समय पानी और हवा में संक्रमण का खतरा हो सकता है, इसलिए जिला प्रशासन लोगों को जागरूक करेगा।
- कार्तिक स्नान के लिए 60 वर्ष से ऊपर के लोग घाट पर नहीं आए।
- गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बुखार ग्रस्त व्यक्ति कोविड के मरीज घाट पर नहीं आए।