2020/08/20

कोविड-19 के दौर में मौसम जनित बीमारियों से सतर्कता ही है बचाव का उपाय

BIHAR-SAHARSA-कोविड-19 वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है। भारत के साथ-साथ विश्व भर में इस वायरस के प्रभाव में आने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देशों में विभिन्न देशों की सरकारें सुरक्षा और राहत के कार्यों में लगी हुई हैं। वहीं चिकित्सक भी उपचाराधीन की लगातार देखभाल में लगे हुए हैं। इधर, अपने देश में कोरोना से जंग जीतकर स्वस्थ होने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोविड-19 का एक दूसरा पहलू यह भी है कि इस दौरान लोग अपनी सेहत का खास ख्याल रख रहे हैं। स्वच्छता को घर-घर में अपनाया जा रहा है। उन सभी तथ्यों को लोग अपना रहे हैं, जिससे बीमारी की चपेट में आने से बचा जा सके। हालांकि इस दौरान लोग कोविड-19 के संक्रमण के अलावा भी अन्य बीमारियों के भी संपर्क में आए हैं। खासकर मौसम जनित बीमारियों के। बारिश और गर्मी के मध्य बदलते मौसम में सर्दी, खांसी और बुखार के भी मरीज बढ़ गए।

बीमारी को न करें नजरअंदाज, चिकित्सक से कराएं इलाज:
सहरसा के सिविल सर्जन डाक्टर अवधेश कुमार कहते हैं कि इस वक्त कोविड-19 के प्रभाव में आए लोगों की देखभाल में सबका विशेष ध्यान है। संकम्रण न फैले और और उपचाराधीन मरीज जल्द स्वस्थ हो इसपर स्वास्थ्य विभाग ज्यादा सतर्कता बरतते हुए कार्य कर रहा है। हालांकि इस दौरान मौसम जनित व अन्य बीमारियों पर भी  स्वास्थ्य विभाग ध्यान दे रहा है। खासकर नवजात, बच्चों और गर्भवती महिलाओं की बीमारियों को लेकर। उन्होंने बताया कि अस्पताल में समान रूप से मरीजों का इलाज किया भी जा रहा है। इस महामारी के दौर में कोई भी व्यक्ति अपनी बीमारी को नजरअंदाज न करें। सुरक्षा और प्रर्याप्त सतर्कता का ख्याल रखते हुए अस्पताल आकर चिकित्सक से अपना इलाज कराए।

बच्चों व बुजुर्गों की सेहत का रखे विशेष ख्याल:
डाक्टर अवधेश कुमार बताते हैं कि बच्चों व बुजुर्गों के लिए मौसम में बदलाव अक्सर बीमारी लेकर आता है। सर्दी, खांसी व बुखार के साथ हृदय रोग के मरीजों के लिए भी मौसम में बदलाव संवेदनशील है। ऐसे मौसम में सावधानी बरतने के साथ खान-पान और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। एक ओर जहां नवजात में निमोनिया व पेट संबंधी तकलीफें हो सकती हैं। वहीं हृदय रोग और अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए ऐसे मौसम में सतर्कता बरतनी बेहद जरूरी है। साथ ही इस मौसम में चर्मरोग और गले में संक्रमण की शिकायत को भी गंभीरता से लेने की जरूरत है। 

मौसम जनित बीमारियों से बचने के लिए बरते सतर्कता:
डाक्टर अवधेश कुमार बताते हैं कि अभी बारिश का मौसम चल रहा है। इस मौसम में अपने आसपास स्वच्छता का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। घर के बाहर और खाली पड़े बरतनों में बारिश का पानी जमा नहीं होने दें। ऐसे स्थानों पर मच्छर जन्म लेते हैं और डेंगू व मलेरिया के फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही बारिश में भीगने से बचें। बारिश में भीगने से अक्सर लोगों को सर्दी, जुकाम और खांसी की समस्या होती है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती, वह सर्दी, खांसी और जुकाम के बाद बुखार से भी पीड़ित हो जाते हैं। इसके अलावा बारिश में भीगने के बाद सिरदर्द, स्किन एलर्जी और आंखों के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।

बारिश के मौसम में ऐसे रखे अपना ख्याल:- सिविल सर्जन डाक्टर अवधेश कुमार
- मच्छरदानी लगाकर सोएं और ध्यान रखें कि आसपास सफाई हो।
- घर और उसके आसपास मच्छररोधी दवा का छिड़काव करें।
- घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएं।
- ऐसे कपड़े पहनें, जिससे शरीर पूरी तरह ढ़का रह सके।
- ऐसी जगह ना जाएं, जहां झाड़ियां हों, बारिश में वहां मच्छर पनपते हैं। 
- ज्यादा जरूरत न हो तो बारिश के दौरान घर से बाहर ना निकलें।
-  ज्यादा तला हुआ और बाहर के भोजन से परहेज करे, घर का बना पौष्टिक आहार लें।
- सर्दी, खांसी और बुखार की परेशानी बढ़े तो कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार तुरंत चिकित्सक से मिलें।